गुरुवार, 26 जून 2008

तीन संतानों वाले भी अब चुनाव लड़ने हेतु पात्र

राज्य शासन ने एक महत्वपूर्ण फैसले लेते हुए पंचायत चनाव लड़ने हेतु दो से अधिक संतानों वालो पर लगी बंदिश हटा दी है और अब पूर्ववत वे चुनाव लड़ने पात्र हो जायेंगे, पहले नियमानुसार २६ जनवरी २००१ के पश्चात् जिनके दो से अधिक बच्चे हुए है उन्हें पंचायत चुनाव लड़ने की पात्रता नही थी, इस फैसले के आधार पर अब फिर से जनता मे नियोजित परिवार अपनाने के सम्बन्ध मे ग़लत संदेश जाएगा,क्योकि बढती जनसँख्या रोकने के लिए यह नियम अप्रत्यक्ष रूप से जनता को नियोजित परिवार अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही थी।

सोमवार, 23 जून 2008

छत्तीसगढ़: नारी जागरण मे अग्रणी

छत्तीसगढ़ प्रदेश छोटा नवगठित प्रदेश होने के पश्चात् भी आज नारी जागृति की क्षेत्र मे कही आगे है,स्वसहायता समूह एवं अन्य छोटे छोटे संगठन के जरिये दस बीस महिलाये समूह बनाकर महिलाये अनेको कार्य कर रही है,जैसे मछली पालन ,सामूहिक कृषि,एवं अपने सदस्यों को ऋण प्रदाय करने का कार्य वे बखूबी कर रही,दुर्ग जिले जहा इसे दीदी बैंक के नाम से जाना जाता है वहीराजनादगांव मे बम्लेस्वरी समूह के नाम से जाना जाता है, इन के कार्य का दायरा भले ही छोटे हो लेकिन इनके द्वारा समूह के जरिये स्वालंबन का जो पाठ पढाया जा रहा वह महत्वपूर्ण है।

शनिवार, 21 जून 2008

नारी ; आदिवासी संस्कृति

आदिवासी संस्कृति मे नारी की स्थिति अन्य संस्कृतियों की तुलना मे पुरूष के साथ समानता का है,छत्तीसगढ़ मे भी यही स्थति है यहाँ की बहुतायत संख्या मे पाई जाने वाली जाति गोंड हल्बा,मरिया,उरांव ,कंवर ,बैगा,कमार,भतरा आदि सभी समाज मे सामुदायिक कार्यो मे नारी को बराबर का अधिकार है,तथा यहाँ दहेज़ कन्या भ्रूण हत्या जैसी बुराईया भी नही है,आदिम समाजो मे महिला को विवाह से वर चयन ,तथा किसी कारण विवाह के असफल होने पर पुनर्विवाह आदि मे भी अधिकार प्राप्त है,चूँकि आदिम समाज वन संपदा पर आधारित है

मंगलवार, 17 जून 2008

नारी शक्ति का उदय

आज के भारत मे इससे बड़ी गर्व की बात क्या होगी जब देश के सर्वोच्च पद पर एक महिला विराजमान है,देश के सबसे बड़े दल की नेता भी एक महिला है वही देश की सबसे अहम् प्रदेश की मुख्यमंत्री भी एक महिला है,अमेरिका जैसे आधुनिक देश मे भी जो अवसर महिलाओ को नही मिला वह भारत मे मिल रहा है,यह हमारे लिए फक्र की बात है,परम्परा और आधुनिकता के बीच जितना सुंदर समन्वय भारत की महिलाओ ने दिखाया है वह अदभुत है,

शुक्रवार, 13 जून 2008

छत्तीसगढ़ की नारी


छत्तीसगढ़ मे महिलाओ की स्थिति तुलनात्मक रूप से अन्य प्रदेशो की तुलना मे कदाचित बेहत्तर है,यहाँ की ग्रामीण महिलाओ को पुरुषो के साथ कंधे से कन्धा मिला करे काम करते देखा जा सकता है। जैसे छत्तीसगढ़ की संस्कृति मे सामंजस्य समन्वय का गुण है वैसे ही पुरूष एवम महिलाओ मे एक सामंजस्य नजर आता है,न यहाँ पर बहुत ज्यादा परदा प्रथा है न ही ग्रामीण समाज मे कन्या भ्रूण हत्या जैसे पाशविक कृत्य की परम्परा ,खेती किसानी के कामो को बाट कर करते है जहा पुरूष हल चलते नजर आयेगे वही महिलाए निन्दाई गुडाई जैसे कामो मे हाथ बटाती है, यहाँ के ग्रामीण समाज मे दहेज़ का प्रचलन भी अपेक्षाकृत कम है शहरो मे भले ही दहेज़ उत्पीडन की घटनाये सुनाई दे किंतु गाव मे इस तरह की घटनाये नही होती ,पारम्परिक आदिवासी समाजो ,मे जो सुदूर बस्तर से अम्बिकापुर तक फैले हुए है ,मे महिला पुरूष के बीच सांस्कृतिक पारिवारिक समनवय और अधिक मजबूत दिखायी देता है । छत्तीसगढ़ मे स्व सहायता समूह की सफलता भी यह दर्शाती है कि यहाँ की महिलाओ मे विकास के प्रति एक ललक है और वे अपने समाज परिवार राष्ट्र के प्रति संवेदनशील है ।

बुधवार, 11 जून 2008

संसद के द्वार मे महिलाये

हाल ही मे संसद के राज्यसभा मे प्रस्तुत महिला आरक्षण विधेयक से निःसंदेह महिलाओ को संसद के द्वार तक पहुचने मे सफलता मिलेगी,आधी से अधिक आबादी के प्रतिनिधित्व के लिए यह जरुरी भी था,पित्रसत्तात्मक व्यवस्था के चलते हुए महिलाओ को अपने अधिकारों की वास्तविक पूर्ति कभी नही हो पाई थी,और सामाजिक सम्न्धो नियमो को देखते हुए महिलाये अपने हक़ के लिए लड़ने से मर्यादाओं के चलते चुप रहती है,महिलाओ को रोजगार के क्षेत्रो मे अभी भी अनेक कठिनाइयो से दो चार होना पड़ता है क्योकि वर्तमान कार्य्संस्कृति पुरुषो को दृष्टिगत रखते हुए बनाईं गई है,जबकि आज सेना से लेकर बस मे ड्राइवर कंडक्टर तक के कार्य महिलाये करे रही है,गृहिणी के रूप मे भी महिलाओ की भूमिका अब बदल चुकी है और कुछ न कुछ पार्ट टाइम कार्य वे करे रही है,जहीर है कुछ परम्परा से बंधे हुए लोगो को महिलाओ की ने भूमिका मे आने से एतराज होगा ही,

छत्तीसगढ़ की महिलाओ पर केंद्रित पत्रिका

छत्तीसगढ़ की महिलाओ पर केंद्रित पत्रिका मे आपका अवगत है। नारीयो पर केंद्रित इस पत्रिका मे महिलाई की रूचि के अनुरूप सामग्रियों का प्रकाशन किया जाएगा,

भारतीय नारी

चिट्ठाजगत अधिकृत कड़ी